विषय-अधूरा ख्बाब
दिनांक-2ल
ब्याह करके एक लड़की जब,
अपने ससुराल में जाती हैं।
कब भरेगी उसकी सूनी गोद,
यही बात उसके कानों में आती है।।
वैवाहिक जीवन का सफर तो,
अभी-अभी ही शुरू हुआ था।
कुछ अनछुए पहलुओं को तो,
अभी ही छूना शुरू किया था।।
माँ बनना तो हर स्त्री का,
एक खूबसूरत सपना होता हैं।
इसके बगैर तो जिंदगी में,
सब कुछ ही सूना होता हैं।।
समय निकलने लगा अब तेजी से,
कब इस आंगन में कोई खेलेगा।
सूनी पड़ी हुई इस कोख में तो,
क्या कभी कोई फूल तो महकेगा।।
अब तो घर और बाहर बालों की,
बातों का सामना करना पड़ता हैं।
उसके अंदर भी एक द्वंद चल रहा है,
जिसको हर दिन उसे झेलना पड़ता है।।
जिसने जो भी उपचार बताया,
सब कुछ उसने अपनाया था।
एक बच्चे की खातिर उसने तो,
कितना ईलाज अपना करवाया था।।
एक आस लगी थी उसके मन में,
कब कृपा ईश्वर की होगी।
उसको भी एक सन्तान प्राप्त हो,
ये मनोकामना कब पूर्ण होगी।।
शायद उसका ये सपना तो,
एक अधूरा ख्बाब बन रह जायेगा।
जीवनभर लोगों के तानों को,
विष बनकर पीना पड़ जायेगा।।
*बाली पहलवान*
Punam verma
22-Apr-2022 08:29 AM
Nice
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Abhinav ji
22-Apr-2022 07:58 AM
Very nice👍
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Reyaan
22-Apr-2022 03:44 AM
Very nice 👍🏼
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